सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मध्यस्थ बुधवार दोपहर शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से मुलाकात करने पहुंचे। वार्ताकार एडवोकेट संजय हेगड़े और एडवोकेट साधना रामचंद्रन ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़कर सुनाया। साधना रामचंद्रन ने कहा कि जिस तरह से प्रदर्शन करना आपका हक है, उसी तरह से दूसरों का भी अधिकार है कि वे सड़कों पर चल सकें और अपनी दुकानें खोल सकें। मध्यस्थों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत से पहले मीडिया से हटने की अपील की। प्रदर्शन के चलते करीब दो महीने से बंद पड़े रास्ते को खाली करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए मध्यस्थों की नियुक्ति की थी।
'हक वहीं तक होना चाहिए, जहां तक दूसरे का हक प्रभावित न हो'
शाहीन बाग में लोगों को संबोधित करते हुए साधना रामचंद्रन ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आपको आंदोलन करने का हक है। लेकिन, हमारी तरह और भी नागरिक हैं, जो इस रास्ते से आते-जाते हैं। बच्चे स्कूल जाते हैं, लोग ऑफिस आते-जाते हैं। उनके भी अधिकार हैं। हक वहीं तक होना चाहिए, जहां तक दूसरे का हक प्रभावित न हो। रोड, पार्क, ब्रिज सार्वजनिक सुविधाएं हैं। हम आपकी सारी बातें सुनेंगे। मुझे विश्वास है कि हम ऐसा हल निकालेंगे जो न सिर्फ देश बल्कि दुनिया के लिए मिसाल बन जाएगा। उन्होंने कहा कि हम बिना मीडिया के प्रदर्शनकारियों से बात करेंगे। बातचीत की जानकारी मीडिया को बाद में दी जाएगी।
हेगड़े ने ट्विटर पर लोगों से सुझाव मांगे
शाहीन बाग पहुंचकर संजय हेगड़े ने कहा कि हमें यहां (शाहीन बाग) आने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। उम्मीद है कि हमारी सबसे बात होगी और सभी के सहयोग से हम मुद्दे को हल कर लेंगे। हम दोनों सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं, हम सबको सुनने आए हैं। शाहीन बाग जाने से हेगड़े ने पहले ट्विटर पर भी गतिरोध खत्म करने के लिए लोगों से सुझाव मांगे।